Stand Up India Scheme : स्टैंड अप इंडिया योजना क्या हैं, ब्याज दर और पात्रता, लाभ आवेदन प्रक्रिया जाने सम्पूर्ण जानकारी।

Stand Up India Scheme

Stand Up India Scheme नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप सब का स्वागत हैं, जिसमे आज हम बात करने वाले हैं। स्टैंड अप इंडिया योजना के बारे में। तो आइयें जानते है भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी में, छोटे और मझोले उद्यमियों (एमएसएमई) की भूमिका अहम है।

लेकिन एक बड़ा सवाल हमेशा बना रहता है  क्या हर वर्ग के पास उद्यमशीलता के सपनों को साकार करने के समान अवसर हैं? खासकर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिलाओं को अक्सर वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ता है। Stand Up India Scheme

इन्हीं चुनौतियों को दूर करने और समावेशी विकास को गति देने के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand Up India Scheme) की शुरुआत की गई थी। आइए, गहराई से समझते हैं कि यह योजना कैसे बदलाव ला रही है।

स्टैंड अप इंडिया योजना क्या हैं

5 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्टैंड अप इंडिया योजना, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है। इसका मूल मंत्र है – “स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर”। स्टैंड अप इंडिया योजना का केंद्रीय उद्देश्य अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और महिला उद्यमियों को ग्रीनफील्ड उद्यम (नया व्यवसाय शुरू करने) के लिए बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करना है। यह वित्तीय समावेशन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में एक सोची-समझी रणनीति है।

योजना का उद्देश्य 

स्टैंड अप इंडिया योजना का उद्देश्य है निम्नलिखित है जो इस प्रकार से दिए गए हैं। 

  • एससी, एसटी और महिला उद्यमियों को मुख्यधारा की बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना, जिसमें उनकी पहुंच पारंपरिक रूप से सीमित रही है। Stand Up India Scheme

  • नए उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित करके रोजगार सृजन को बढ़ावा देना।

  • इन वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, जिससे उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हो।

  • प्रत्येक शाखा को कम से कम एक एससी/एसटी उद्यमी और एक महिला उद्यमी को ऋण देने के लिए प्रेरित करना।

स्टैंड अप इंडिया योजना के विषेशताएँ व लाभ 

  •  ₹10 लाख से ₹1 करोड़ (परियोजना लागत का 75% तक, शेष 25% उद्यमी द्वारा लगाया जाना चाहिए)।
  • मुख्य रूप से टर्म लोन (कार्यशील पूंजी ऋण भी परियोजना की आवश्यकता के अनुसार शामिल किया जा सकता है)।
  • प्रतिस्पर्धी दरें, आमतौर पर आरबीआई द्वारा निर्धारित बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) या रेपो रेट लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) के आधार पर, जिसमें एक निश्चित स्प्रेड जोड़ा जाता है। ब्याज दर पारदर्शी होती है और बैंक द्वारा स्पष्ट रूप से बताई जाती है।
  • अधिकतम 7 वर्ष, जिसमें 18 महीने तक की मोहलत अवधि (मॉरेटोरियम) शामिल हो सकती है। यह व्यवसाय को स्थापित होने और नकदी प्रवाह शुरू होने का समय देती है।
  • क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के तहत 85% तक का क्रेडिट गारंटी कवर उपलब्ध है। इससे बैंकों का जोखिम कम होता है और उन्हें बिना जमानत के ऋण देने में सहूलियत होती है।
  • ₹10 लाख तक के ऋण के लिए आमतौर पर कोई जमानत आवश्यक नहीं होती (CGTMSE कवर के कारण)। ₹10 लाख से अधिक के ऋण के लिए, CGTMSE द्वारा कवर की गई राशि के अलावा, बैंक परिसंपत्तियों पर जमानत मांग सकता है।

पात्रता 

Stand Up India Scheme योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई शर्तों को पूरा करना होगा तभी आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

    • अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का उद्यमी, अथवा

    •  योजना का मुख्य फोकस नया व्यवसाय शुरू करने पर है। मौजूदा इकाइयों के विस्तार या उन्नयन के लिए यह ऋण नहीं दिया जाता।

    • व्यवसाय कृषि गतिविधियों (खेती से सीधे जुड़े) को छोड़कर मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस या ट्रेडिंग क्षेत्र से संबंधित होना चाहिए।

    • उद्यम को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास (एमएसएमईडी) अधिनियम, 2006 की परिभाषा में फिट होना चाहिए।

    • उद्यमी की आयु ऋण आवेदन के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।

    • परियोजना की आवश्यकता के अनुसार, ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का ऋण दिया जाता है।

जरुरी दस्तावेज 

स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको कुछ जरुरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ सकती हैं जो निचे दिए गए है।

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रामण पत्र
  • पैन कार्ड
  • जाति प्रमाण पत्र
  • बिजेनस प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक खाता विवरण
  • रेंक एग्रीमेंट
  • नवीनतम आयकर
  • मोबाईलनबंर
  • अन्य दस्तावेज

चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

  • ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में अभी भी योजना के बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं है।
  • कुछ बैंक शाखाओं में स्टैंड अप इंडिया कॉन्टैक्ट अधिकारियों (एससीआईसीओ) की भूमिका और उत्साह में कमी देखी गई है। प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
  • कई संभावित उद्यमियों के पास एक मजबूत और बैंक योग्य व्यवसाय योजना बनाने का कौशल या संसाधन नहीं होते।
  • ऋण मिलने के बाद उद्यमियों को बाजार से जोड़ने और निरंतर मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है, जिस पर और ध्यान देने की जरूरत है।

आवेदन प्रक्रिया 

अगर आप स्टैंड अप इंडिया योजना में आवेदन करना चाहते है तो स्टैंड अप इंडिया योजना लोन सभी बैंकों की ब्रांच से मिलती है, इस योजना का लाभ लेने के लिए आप अपने नजदीकी बैंक से कॉन्टेक्ट कर के इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर

Stand Up India Scheme

सकते है स्टैंड अप इंडिया योजना की यह अधिकारी वेबसाइट हैं इस वेबसाइट पर आप सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

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Conclusion

दोस्तों हम आशा करते हैं इस आर्टिकल मे दी गयी Stand Up India Scheme के बारे में  जानकारी आप सभी के लिए हेल्पफुल रही होगी और यदि आपका फिर भी कोई इस लेख से सम्बंधित सवाल है तो उसे कमेंट बॉक्स मे जरुर लिखे हम आपकी मदद के लिए तैयार है। धन्यवाद

स्टैंड अप इंडिया योजना (FAQs)

प्रश्न – स्टैंड अप इंडिया योजना क्या है?

उत्तर – यह भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य SC/ST और महिला उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का लोन देकर उन्हें नया व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

प्रश्न – कितनी लोन राशि मिलती है?

उत्तर – ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक की राशि मिल सकती है।

प्रश्न – क्या यह सब्सिडी योजना है?

उत्तर – नहीं। यह बैंक लोन स्कीम है, लेकिन इसमें सरकार की गारंटी और हैंडहोल्डिंग सपोर्ट (मार्गदर्शन) शामिल है।

प्रश्न – आवेदन कहां से करें?

उत्तर – आधिकारिक वेबसाइट पर  https://www.standupmitra.in

प्रश्न – इस योजना में कौन‑सा बैंक लोन देता है?

उत्तर – सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकग्रामीण बैंकSMALL FINANCE बैंक इसके अंतर्गत लोन दे सकते हैं।

प्रश्न – क्या कोई गारंटी या कोलैटरल देना पड़ता है?

उत्तर – गारंटी: CGFSIL नामक गारंटी स्कीम से सहायता मिलती है
कोलैटरल: कई मामलों में बैंक गारंटी स्कीम की मदद से बिना कोलैटरल लोन देती हैं

प्रश्न – यह योजना कब तक लागू है?

उत्तर – यह योजना चल रही है और अभी भी एक्टिव है (2025 में भी)। सरकार की कोई समाप्ति तिथि घोषित नहीं है।

प्रश्न – अगर आवेदन रिजेक्ट हो जाए तो?

उत्तर – आप पुनः आवेदन कर सकते हैं। रिजेक्शन कारण समझें और दस्तावेज़ या प्रोजेक्ट रिपोर्ट सुधारें। LDM या SIDBI कार्यालय से भी सहायता ले सकते हैं।

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