National Child Protection Scheme : राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना क्या है, ऑनलाइन आवेदन कैसे करें जाने पूरी जानकारी।

National Child Protection Scheme

National Child Protection Scheme हमारे देश में भारत सरकार समय समय पर बहुत सी लाभकारी योजनएं शुरू कर रही जैसे ही सरकार ने वे सहारे बच्चों के लिए केंद सरकार ने बाल सुरक्षा योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य है अनार्थ बच्चों को सहारा देना और उनकी सुरक्षा प्रदान करना। इस योजना से जुडी सम्पूर्ण जानकारी आपको इस लेख के माध्यम से देंगे जो विस्तार से निचे आपको बताते है की आवेदन कैसे करें इसका लाभ कैसे ले, पात्रता, सभी जानकारी देने वाले है। 

राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना क्या है

हमारे देश का भविष्य कहलाने वाले बच्चे, कभी-कभी सबसे ज्यादा असुरक्षित और उपेक्षित हो जाते हैं। खोए हुए बच्चे, अनाथ बच्चे, या जिन्हें उनके ही परिवार ने छोड़ दिया हो। National Child Protection Scheme

ऐसे कई बच्चे सड़कों पर, स्टेशनों पर या अन्य जोखिम भरी जगहों पर अकेले संघर्ष करते नजर आते हैं। इन्हीं कमजोर बच्चों को सुरक्षा, देखभाल और पुनर्वास का अधिकार दिलाने के लिए भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। 

राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना (एनसीपीएसआर – National Child Protection Scheme)। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि हमारे समाज के सबसे निर्बल वर्ग के प्रति एक सामूहिक जिम्मेदारी का एहसास है।

योजना का उद्देश्य 

एनसीपीएसआर का मुख्य लक्ष्य है “हर जरूरतमंद बच्चे को सुरक्षा और देखभाल का अधिकार दिलाना।” इस व्यापक लक्ष्य को पूरा करने के लिए योजना कई स्तरों पर काम करती है। 

  • सड़कों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों आदि पर फंसे या भटक रहे बच्चों को तुरंत बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाना। National Child Protection Scheme
  • जहां भी संभव हो, बच्चे को उसके जैविक परिवार या विस्तारित परिवार (रिश्तेदारों) से पुनः जोड़ने का प्रयास करना। यह सबसे पसंदीदा विकल्प है।
  • अगर पारिवारिक पुनर्मिलन संभव नहीं है, तो बच्चे को गोद लेने, फॉस्टर केयर (पालक देखभाल), या दीर्घकालिक संस्थागत देखभाल के माध्यम से एक स्थायी, प्यार भरा घर और भविष्य सुनिश्चित करना।
  • सड़कों पर आने या भटकने की घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक जागरूकता, परिवार कल्याण कार्यक्रम और जोखिम वाले परिवारों की पहचान कर सहायता प्रदान करना।
  • बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं में बच्चों का साथ देना और उनके अधिकारों की रक्षा करना।

योजना के लाभ 

  • खोए हुए बच्चों की पहचान और बचाव के लिए विशेष दलों की तैनाती।
  • निःशुल्क टेलीफोन हेल्पलाइन नंबर 1098 जहां कोई भी असुरक्षित बच्चे की सूचना दे सकता है या बच्चा खुद मदद मांग सकता है।
  • बचाए गए बच्चों को तुरंत भोजन, कपड़े, आश्रय, चिकित्सा जांच और परामर्श मिलता है।
  •  बच्चे के परिवार को ढूंढने और सुरक्षित पुनर्मिलन के लिए गहन प्रयास।
  • सरकारी और गैर-सरकारी बाल गृहों, विशेष गृहों, अवलोकन गृहों आदि को बेहतर बुनियादी ढांचा, कर्मचारी, प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराना ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिल सके।
  • सुरक्षित आवास, पौष्टिक भोजन, शिक्षा (औपचारिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण), स्वास्थ्य सेवाएं (नियमित जांच और उपचार), मनोरंजन और मनोसामाजिक सहायता।
  •  परिवार में पुनर्मिलन या फॉस्टर केयर संभव न होने पर, बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेने की प्रक्रिया में सहायता। यह केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए – CARA) के माध्यम से संचालित होता है।
  • 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद संस्था से निकले युवाओं को आगे की शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण और आवास जैसी सहायता प्रदान करना ताकि वे स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सकें।
  •  बाल संरक्षण से जुड़े सभी कर्मचारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों और देखभालकर्ताओं के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम।
  • बाल अधिकारों, शोषण के विरुद्ध सुरक्षा, चाइल्डलाइन 1098 और योजना के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए अभियान। National Child Protection Scheme

पात्रता 

यह योजना उन सभी बच्चों के लिए है जो किसी न किसी कारणवश असुरक्षित स्थिति में हैं। 

  • जो अपने परिवार से बिछड़ गए हों।
  • जिनका कोई देखभाल करने वाला न हो।
  • जो सड़कों पर काम करते हैं या रहते हैं और शोषण के जोखिम में हैं।
  • शारीरिक, यौन या भावनात्मक शोषण, उपेक्षा या दुर्व्यवहार का सामना करने वाले बच्चे।
  • जो कानून के साथ संघर्ष में हैं (संघर्षरत बच्चे)।
  • जिन बच्चों को अधिक देख भाल की जरूरत हो। 
  •  प्राकृतिक आपदाओं, सामाजिक संघर्ष आदि के कारण प्रभावित बच्चे।
  • मानव तस्करी के शिकार बच्चे।
  • ऐसे बच्चे जिनके परिवार गरीबी, बीमारी या अन्य कारणों से उनकी देखभाल करने में असमर्थ हैं।

 योजना का लाभ पाने के लिए कोई विशेष आय, जाति या धर्म की सीमा नहीं है। मुख्य मानदंड बच्चे की असुरक्षित स्थिति और उसे सुरक्षा व देखभाल की आवश्यकता है।

आवेदन प्रक्रिया 

  • चाइल्डलाइन इंडिया वेबसाइट (childlineindia.org.in): ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना, जानकारी प्राप्त करना।

National Child Protection Scheme

  • इस पोर्टल से जानकरी ट्रैक करें, (trackthemissingchild.gov.in): खोए हुए बच्चों की जानकारी दर्ज करना और उनकी स्थिति ट्रैक करना।
  • जिला प्रशासन/राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट्स: स्थानीय डीसीपीयू संपर्क, योजना के बारे में विवरण।
  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर – NCPCR) की वेबसाइट (ncpcr.gov.in): बाल अधिकारों, शिकायत निवारण और योजनाओं की जानकारी।

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Conclusion

दोस्तों हम आशा करते हैं इस आर्टिकल मे दी गयी National Child Protection Scheme के बारे में  जानकारी आप सभी के लिए हेल्पफुल रही होगी और यदि आपका फिर भी कोई इस लेख से सम्बंधित सवाल है तो उसे कमेंट बॉक्स मे जरुर लिखे हम आपकी मदद के लिए तैयार है। धन्यवाद

अक्सर पुछे जाने वाले प्रश्न -(FAQs)

प्रश्न – क्या इस योजना के तहत कोई सीधा वित्तीय सहायता (पैसा) बच्चे के परिवार को मिलता है?

उत्तर – एनसीपीएसआर का मुख्य फोकस बच्चे को सीधे सुरक्षा, देखभाल और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना है (जैसे आश्रय, भोजन, शिक्षा, चिकित्सा)। आमतौर पर परिवार को सीधे नकद सहायता नहीं दी जाती। हालांकि, पुनर्मिलन के बाद, परिवार अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं (जैसे पेंशन, शिक्षा छात्रवृत्ति) के लिए पात्र हो सकता है, जिनके लिए अलग से आवेदन करना होता है।

प्रश्न – क्या कोई भी संस्था बच्चों को रख सकती है?

उत्तर – नहीं। बच्चों को केवल जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के आदेश से ही पंजीकृत बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में रखा जा सकता है। गैर-पंजीकृत संस्थाओं में बच्चों को रखना गैर-कानूनी है।

प्रश्न – अगर मैं किसी बच्चे के साथ दुर्व्यवहार या शोषण होते देखूं तो क्या करूं?

उत्तर – तुरंत चाइल्डलाइन 1098 और पुलिस (100) को सूचित करें। आप राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। गवाही देने के लिए तैयार रहें। चुप न रहें।

प्रश्न – इस योजना को लागू करने में मुख्य चुनौतियां क्या हैं?

उत्तर – संसाधनों की कमी, कर्मचारियों की कमी, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी, सामाजिक कलंक, परिवार ट्रेसिंग में कठिनाई, और बाल संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता की कमी प्रमुख चुनौतियाँ हैं।

प्रश्न – क्या ‘बेगारी’ या बाल श्रम भी इस योजना के दायरे में आता है?

उत्तर – हाँ, बाल श्रम (विशेषकर खतरनाक उद्योगों में) बच्चों के शोषण का एक रूप है। ऐसे बच्चों को बचाना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें शिक्षा व सहायता देना एनसीपीएसआर के उद्देश्यों में शामिल है। ऐसे मामलों की सूचना भी 1098 पर दी जा सकती है।

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